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Jun 27, 2012

पाळीव  माणसाने लिहिलेली कविता .
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-----------आदेशावरून   .

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 पाळीव माणूस

    

Jun 18, 2012

उडणाऱ्या पक्ष्यांचा थवा

उडणाऱ्या पक्ष्यांचा थवा बघायला मिळणे हा एक आनंद असतो ,
तसाच आनंद अगोदर एकटा पक्षी दिसल्यावरही व्हायचा ,
पण .
एके दिवशी जेव्हा जाणवलं  कि ,
जर तो पक्षी आपले घरटे शोधत असेल तर , जर तो आपले साथीदार शोधत असेल तर ...
तेव्हापासून जेव्हा जेव्हा असा पक्षी दिसतो तेव्हा आपणही त्यासोबत असाव असे वाटते .
पण,
उडण्याच स्वातंत्र्य त्याच्या इतके आपल्याकडे नसते आणि त्याच्या इतका  उडण्यासाठी लागणारा  एकटे पणाही ---------18 जून 2012  अभिजित 

Jun 11, 2012

Fabric Creation and tea time

Tea time


Fabric exploration