दर्द न हो तो तनहाई भी बोर हो जाती है
ये सब वो तनहा इंसान है जो चल पड़े
अपने ही दर्द मै अपनों लिए ,
के कुछ पल अगर राहत मिले रास्तो पर तो हम भी
खुशिया लायेंगे
इस धरती पर
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वो तो सो गयी,
दर्द तो जिंदा है अबतक
दवा के इंतज़ार मै ..
.......................... अभिजित्स 31स्ट 2012
ये सब वो तनहा इंसान है जो चल पड़े
अपने ही दर्द मै अपनों लिए ,
के कुछ पल अगर राहत मिले रास्तो पर तो हम भी
खुशिया लायेंगे
इस धरती पर
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वो तो सो गयी,
दर्द तो जिंदा है अबतक
दवा के इंतज़ार मै ..
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